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Myanmar Coup in Action: म्यांमार पुलिस ने आंग सान सू की के खिलाफ आरोप लगाया

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Myanmar Coup in Action: म्यांमार पुलिस ने आंग सान सू की के खिलाफ आरोप लगाया

Myanmar Coup in Action: म्यांमार पुलिस ने तख्ता पलटने के बाद अपदस्थ नेता आंग सान सू की के खिलाफ अपना पहला औपचारिक आरोप लगाया है। सू की पर अवैध रूप से आयात किए गए वॉकी टॉकी के कब्जे में आने के दो दिन बाद उन्हें नजरबंद कर दिया गया था। अब उनकी गिरफ्तारी को कानूनी जमा देने का प्रयास किया गया है। हालांकि सेना ने उन्हें दूसरे क़ैदियों से दूर रखा है।

तख्तापलट और सू की को हिरासत में रखने में लेने के बाद सान्या अधिकारियों ने सांसदों को उनके सरकारी आवास पर रहने के लिए मजबूर किया था। सूत्रों के अनुसार अब उन सांसदों 24 घंटे के भीतर राजधानी छोड़ने का आदेश दे कर घर जाने को कहा गया है। अपना नाम न छापने की शर्त पर सू की के पार्टी के एक सांसद ने यह सूचना दी। वो काफ़ी डरे हुए थे की कही सेना उनके इस कथन के लिए कोई ऐक्शन ना ले। क्योंकि म्यांमार सेना (Myanmar Coup in Action) पूरी तत्पर्ता से लोगों पर ऐक्शन ले रही है। 

सेना ने तख्तापलट के बाद सू की पर चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप लगाया है: Myanmar Coup in Action

Gen Min Aung Hlaing

आप को बात दे की सोमवार को सीन के वरिस्ठ अधिकारियों ने घोषणा की कि वे सू की की सरकार पर हाल के चुनावों में मतदाता धोखाधड़ी की जाँच के लिए एक साल के लिए सत्ता संभालेंगे। सू की की पार्टी ने हाल ही में हुए चुनावों में ज़बरदस्त जीत सैल की थी। वहीं सैन्य समर्थित पार्टी ने खराब प्रदर्शन किया और सरकार बनाने से बहुत पीछे रह गए थे। ।

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नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के प्रवक्ता क्यूई टो ने सू की के खिलाफ आरोप की पुष्टि। उन्होंने ने बताया की सू की को  अधिकतम तीन साल की सजा हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि देश के अपदस्थ राष्ट्रपति विन माइंट पर प्राकृतिक आपदा प्रबंधन कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने म्यांमार तख्तापलट को एक दुखद घटना मना है

म्यांमार तख्तापलट एक दुखद घटना है यह देश तेज़ी से लोकतंत्र की ओर प्रगति कर रहा था। इस घटना ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दक्षिण पूर्व एशियाई देश में जनरलों ने किस तरह से सरकारों पर अपना नियंत्रण बनाए रखा है। म्यांमार में सेना ने सोमवार को घोषणा की कि वह एक साल के लिए आपातकाल की स्थिति में सत्ता पर काबिज रहेगी। देश में फिर से चुनाव होंगे और विजेता पार्टी को सेना सत्ता सौंपेगी। वही म्यांमार सेना तख्तापलट के बाद (Myanmar Coup in Action) पूरी तत्पर्ता से लोगों पर ऐक्शन ले रही है।

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इसके जवाब में सू की की पार्टी ने अहिंसक प्रतिरोध का आह्वान किया है। उन्होंने लोगों से म्यांमार के सबसे बड़े शहर यांगून में कार के हॉर्न बजकर और बर्तन को बजकर अपने विरोध दर्ज करने की अपील की है। इस शांतिपूर्ण विरोध में लोगों ने जमकर भाग लिया और सेना के समर्थकों ने भी इन प्रदर्शनों में भाग लिया। वहीं चिकित्सा कर्मियों ने भी तख्तापलट के विरोध में नई सैन्य सरकार के लिए काम करने से मना कर दिया है। यह जानना ज़रूरी है की इस समय म्यांमार COVID-19 मामलों में लगातार वृद्धि से जूझ रहा है। 

 सू की अपनी वर्षों की हिरासत में के दौरान सेना की घोर आलोचक रहीं: Myanmar Coup in Action

Aung San Suu Kyi

आप को बता दें की सू की अपनी वर्षों की की हिरासत में के दौरान सेना की घोर आलोचक रहीं। लेकिन लोकतंत्र में राजनेता बनने के बाद उन्होंने जनरलों के साथ काम किया है। यहां तक ​​कि रोहिंग्या मुसलमानों पर सेना की बर्बरता के बाद भी उन्होंने अपनी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाते हुए सेना की रक्षा की। वही म्यांमार सेना तख्तापलट के बाद (Myanmar Coup in Action) पूरी तत्पर्ता से लोगों पर ऐक्शन ले रही है।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने म्यांमार के नए लोकतंत्र का उत्साहपूर्वक समर्थन किया था। लेकिन सेना के तख्तापलट के बाद अब एक म्यांमार को कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है। वहीं तख्तापलट के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने प्रतिबंधों की धमकी दी है। इस मामले में यू.एन. सुरक्षा परिषद ने मंगलवार को एक आपात बैठक की लेकिन अभी कोई कार्रवाई नहीं की। G7 राष्ट्रों के समूह के विदेश मंत्रियों ने बुधवार को एक बयान जारी करके सू की और अन्य को रिहा करने और लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को सत्ता में बहाल करने के लिए कहा।