Home देश Police Global Conspiracy Theory: दिशा अंतर्राष्ट्रीय षडयंत्र का बड़ा हिस्सा

Police Global Conspiracy Theory: दिशा अंतर्राष्ट्रीय षडयंत्र का बड़ा हिस्सा

0
Police Global Conspiracy Theory: दिशा अंतर्राष्ट्रीय षडयंत्र का बड़ा हिस्सा

Police Global Conspiracy Theory: दिशा रवि के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने शनिवार को अदालत में दिल्ली पुलिस पर गम्भीर आरोप लगते हुए अपना पक्ष रखा। उन्होंने नें कहा की अगर विश्व स्तर पर किसानों के विरोध को उजागर करना अपराध है तो अच्छा है की वो जेल में ही रहे। आप को ज्ञात होगा की 22 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने टूल  किट मामले में गिरफ़्तार कर उनपर राज द्रोह का मामला दर्ज किया है।  

पटियाला हाउस कोर्ट में दिशा की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कई तर्क दिए। दिल्ली पुलिस के तर्क दिया कि 22 दिशा रवि की पूरी तरह से जांच करना बहुत ज़रूरी है। वह अपने कार्यों की और उसके आपराधिकता (Police Global Conspiracy Theory) से पहले से ही अवगत थीं। दिशा भारत को बदनाम करने के लिए चल रहे एक बड़े अंतर्राष्ट्रीय षडयंत्र का हिस्सा हैं। इन दलीलों के साथ ही दिल्ली पुलिस ने दिशा के ज़मानत का विरोध किया।  

पर्यावरण और कृषि के बीच एक गहरा रिश्ता है: Police Global Conspiracy Theory

दिल्ली पुलिस के तर्कों का जवाब देते हुए बचाव पक्ष ने अदालत को बताया कि दिशा रवि बगैर कारण इस विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हुई थी। उन्होंने कहा, “पर्यावरण और कृषि के बीच एक गहरा रिश्ता है और उन दोनो के बीच का अंतर नहीं किया जा सकता है।” बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि लाल किला हिंसा के संबंध में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। हिंसा करने वाले टूल किट से प्रेरित थे इसके भी कोई सबूत (Police Global Conspiracy Theory) अभी तक नहीं मिला है।

इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र कर रहे थे। जमानत का विरोध अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू कर रहे थे। उन्होंने दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि दिशा की हिरासत आवश्यक है क्योंकि उसने अन्य दो आरोपियों पर दोष लगाया है। उन्होंने आगे कहा कि अगर अभियुक्त को जमानत दी जाती है तो उसके हिरासत में रखकर पूछताछ का उद्देश्य समाप्त हो जाएगा।

ASG के अनुसार या सिर्फ़ तूल किट का मामला नहीं बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि दिल्ली पुलिस अभी भी बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर रही है। सुनवाई के दौरान, ASG ने कहा कि “यह मामला सिर्फ एक टूलकिट नहीं है। असली योजना भारत को बदनाम करने और यहां अशांति पैदा करने की थी।” उन्होंने ने यह भी कहा की टूल किट को पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (PJF)के साथ भी साझा किया गया था (Police Global Conspiracy Theory) जो एक अलगाववादी संगठन है। यह खालिस्तान की वकालत करता है और देश को तोड़ने की बात कर है। ASG ने आगे कहा की, “PJF ने दिशा के साथ संपर्क कर एक आपराधिक साजिश रची जिसमें किसानों के विरोध का इस्तेमाल किया जा सके। इस काम के लिए PJF को एक भरतिया चेहरे की आवश्यकता थी जिसे दिशा ने पूरा किया।

अपने पक्ष को मज़बूत करते हुए पुलिस ने कहा की दिशा रवि भारत को बदनाम करने और किसानों के विरोध प्रदर्शन में अशांति पैदा की अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा थीं। टूल किट के अन्य भागों का हवाला देते हुए पुलिस ने कहा की तूल किट का हिस्सा बाद में आरोपियों द्वारा हटा दिया गया था। ASG ने कहा कि टूलकिट में ‘Farmers protest cheatsheet’ and ‘Ask India’ जैसे हाइपरलिंक जो जो कश्मीर नरसंहार के बारे में बात करते थे। दिल्ली पुलिस ने आगे कहा की दिशा ने अपने ट्रैक को कवर करने और सबूत मिटाने की कोशिश भी की है।

अदालत ने दिशा की जमानत याचिका पर आदेश 23 फरवरी के लिए सुरक्षित रखा है: Police Global Conspiracy Theory

बहस के दौरान दिल्ली पुलिस ने अदालत को यह भी बताया की दिशा ने पूछताछ के दौरान अपना सारा दोष सह-अभियुक्त शांतनु मुलुक और निकिता जैकब पर डाल दिया था। इसके बाद अदालत ने दिशा को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत ने दिशा की जमानत याचिका पर आदेश 23 फरवरी के लिए सुरक्षित रखा है।दिशा के वकील को पूरा भरोसा है की अदालत ज़मानत की अर्ज़ी को मंज़ूर करे हुए दिशा को 23 फरवरी को ज़मानत दे देगी।

आप को बता दें की किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले एक टूलकिट के मामले में दिशा रवि को शनिवार को बेंगलुरु से दिल्ली पुलिस की एक साइबर सेल टीम ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने दावा किया है कि उसने टूलकिट को जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग को टेलीग्राम ऐप के माध्यम से भेजा था। उसने ग्रेटा थुनब (Police Global Conspiracy Theory) को उसे पाने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से शेयर करने के लिए राज़ी भी कर लिया था। ग्रेटा के ट्वीट करने के बाद भारत और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इस खबर को बहुत तूल दिया था। इस मामले में मोदी सरकार की बहुत किरकिरी भी हुई थी।

 दिशा के गिरफ़्तारी में अनियमितताओं में दिल्ली पुलिस की सफ़ाई 

दिशा के गिरफ़्तारी की चौतरफ़ा आलोचना झेल रही दिल्ली पुलिस ने अपनी बात रखी। दिल्ली आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी कानून के अनुसार की गई है। भारत का क़ानून 22 वर्षीय या 50 वर्ष के बीच अंतर नहीं करता है। पुलिस के अनुसार रवि ने मुंबई की वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु के साथ मिलकर यह टूल किट (Police Global Conspiracy Theory)  बनाया था। इसे भारत की छवि को धूमिल करने के लिए दूसरों के साथ साझा किया। पुलिस ने आगे दावा किया है कि टूल किट से सम्बन्धी बहुत सारा डेटा आरोपियों ने बाद में हटा दिया गया था।

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि टूल किट के निर्माण और प्रसार में रवि प्रमुख साजिशकर्ता थीं। उसने खालिस्तानी समूह पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ मिलकर भरा के खिलाफ असहमति फैलाने का प्रयास किया। इस काम के लिए उसने स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग के साथ यह टूल किट साझा भी किया था। इस मामले में ग्रेटा थुनबर्ग ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए एक ट्वीट किया था जिसमें एक तूल किट था। इसको बाद में हटा दिया गया था।