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Sonu Sood on Migrants Duty: प्रवासियों को घर भेजना सिर्फ़ मेरे काम नहीं था

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Sonu Sood on Migrants Duty: प्रवासियों को घर भेजना सिर्फ़ मेरे काम नहीं था

Sonu Sood on Migrants Duty: अभिनेता सोनू सूद ने एक बार फिर COVID -19 लाक्डाउन के दौरान किए अपने प्रवासियों की सेवाओं पर बात की है। उन्होंने के कहा की यह सिर्फ़ उनका काम नहीं था। हमारे लिए सोनू सूद का भारतियों की लॉक डाउन के दौरान की गयी सेवाओं को शब्दों में बयान करना मुशक़िल है। आज सोनू ने एक बड़े समाचार पत्र से बात करते हुए कहा की कोरोना महामारी में लोगों की मदद सिर्फ़ उनका काम नहीं था। 

आप ओ बता दें की कोरोना महामारी के शुरूवती दिनो में वह लाखों लोगों के लिए एक उम्मीद (Sonu Sood on Migrants Duty) की किरण बनकर उभरे थे। अभिनेता सोनू सूद ने न केवल गरीब और वंचितों लोगों को दान देने का फैसला किया। उन्होंने देशव्यापी तालाबंदी के दौरान लोगों को उनके घरों तक पहुचाने का भी निर्णय लिया। सोनू ने लोगों को बस, ट्रेन और यहाँ तक की हवाई जहाज़ तक से लोगों उनके घरों तक पहुचाने का नेक काम किया था। पूरे महामारी के दौरान उन्होंने अपनी छमता के अनुसार लोगों की हर सम्भव मदद की जिसमें लोगों को भोजन और आश्रय भी शामिल थे। 

महामारी में कौन क्या कर रहा है यह देखने का समय नहीं था: Sonu Sood on Migrants Duty

मीडिया इंटर्व्यू में उनके मदद के अभियान पर पूछे एक सवाल के जवाब में सोनू ने अपनी राय रखी। उन्होंने ने कहा की “महामारी के समय यह सोचने का वक्त नहीं था कि आगे कौन क्या करने जा रहा है। इस समय आपके मदद (Sonu Sood on Migrants Duty ) की लोगों को बहुत ज़्यादा आवश्यकता थी। इसलिए मैंने भोजन वितरण, आश्रय प्रदान करने और प्रवासियों को घर भेजने का काम शुरू किया। मैंने महसूस किया कि ये वो लोग हैं जिन्होंने हमारे घरों को बनाया है और हमारे जीवन का हिस्सा रहे हैं। अब जब वे अपने घरों में वापस जाना चाहते है तो हम उन्हें बीच रास्ते में नहीं छोड़ सकते थे।”

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उन्होंने आगे कहा, “आप के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब आप अपनी सेवा करने की छमता की सीमा तय करते हैं। मैंने सोचा था कि इन लोगों को घर वापस भेजना और सिर भेजना प्रदान कारण अहि नहीं है। बल्कि उन लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं (Sonu Sood on Migrants Duty) और शिक्षा का भी ध्यान रखना है। स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार भारत के तीन प्रमुख स्तंभ हैं जिन पर पूरा देश खड़ा है। ये तीनों महामारी के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुए थे। मैं इन तीनों छेत्रों के लिए दिन-रात काम कर रहा था और इसी तरह उन सभी कार्यक्रमों की शुरुआत हुई।”

सोनू सूद ने स्टार्टप इंडिया के तहत कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरूवात की है 

अपनी इस मुहिम के बाद 47 वर्षीय अभिनेता ने विभिन्न अभियानों, कार्यक्रमों का शुभारंभ किया और यहां तक ​​कि स्टार्टअप का चेहरा भी बन गए हैं। उन्होंने अर्थव्यवस्था में मदद करने के साथ लोगों की भी मदद करने का काम किया है। उन्होंने प्रवासी योजना ऐप (नौकरियों की खोज करने वाले प्रवासियों की मदद करने के लिए), (Sonu Sood on Migrants Duty ) इलाज इंडिया (ILAAJ India) (उन लोगों के लिए जिन्हें तत्काल चिकित्सा संचालन की आवश्यकता है) और एक छात्रवृत्ति योजना की शुरूवात की है। सोनू सूद ने गरीब और ज़रूरतमंदो को मुफ्त ई-रिक्शा भी वितरित किए।

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उनका कहना है कि ये सभी योजनाएँ अर्थव्यवस्था को भी ध्यान में रखते हुए लागू की गई थीं। यही कारण है कि हम उनके पूरे पूरे रोजगार की बात है। यह उनके परिवारों को जीवित रहने में मदद करने के लिए एक ज़रिया है। महामारी ने हमें बैठने और महसूस करने के लिए बहुत समय दिया कि इस कठिन समय में आप क्या कर सकते है। यह सिर्फ हमारे परिवारों को खिलाने या हमारे व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नहीं है, बल्कि समाज को भी वापस देने के लिए है।