South India Unexplored Beauty: भारत के निचले छोर यानी दक्षिणी भाग को दक्षिण भारत भी कहा जाता है। दक्षिण भारत के अंतर्गत कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल, आन्ध्र प्रदेश राज्य आते है। दक्षिण भारत के क्षेत्र को द्रविड़ के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसे भारत के राष्ट्रगान में प्रयोग किया जाता है।अंग्रेजी नाम साऊथ इंडिया के अलावा, भारत के दक्षिणी भाग को कई अन्य ऐतिहासिक नामों से जाना जाता है| दक्षिण भारत में कन्नड़, मलयालम, तमिल और तेलुगु इन भाषाओँ के आलावा अंग्रेजी और हिंदी में भी बोली जाती है|
आपको बता दे कि दक्षिण भारतीय लोग मुख्यत द्रविड़ भाषा जैसे तेलुगू ,तमिल, कन्नड़ और मलयालम बोलते हैं और मुख्यत द्रविड़ मूल के हैं। जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने 8 वीं सदी में द्रविड़ नाम का आविष्कार किया क्योंकि उन्होंने खुद को द्रविड़ चाइल्ड कहते हैं। दक्षिण भारत अपनी ख़ास संस्कृति, कला और इतिहास के भिन्नता के चलते यह शेष भारत से अलग पहचान बना चुका है। हलांकि इतना भिन्न होकर भी यह भारत की विविधता का एक अंगमात्र है।
दक्षिण भारत की संस्कृति: South India Unexplored Beauty
दक्षिण भारतीय व्यक्ति सफेद पंचा या रंगीन लुंगी पहनता है और महिलाएं परंपरागत शैली में साड़ी पहनती है। दक्षिण भारत में चावल सबसे प्रिय भोजन है। जबकि मछली दक्षिण भारतीय भोजनों के मूल्य का अभिन्न अंग है। केरल और आंध्र प्रदेश में नारियल एक महत्वपूर्ण घटक है। हैदराबाद के बिरयानी, डोसा, इडली, उत्ताम लोकप्रिय दक्षिण भारतीय भोजन संपूर्ण भारत में सुप्रसिद्ध हैं। दक्षिण भारत की संस्कृति दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के समान है।
दक्षिण भारत में कई शानदार इमारते हैं जो सदियों से अपना जादू बिखेर रही हैं। दक्षिण भारत की इमारतें बेहद सुंदर और शानदार हैं। द्रविड वास्तुकला से लेकर विजयनगर शैली में बनी ये इमारतें नायाब वास्तुकला का नमूना हैं। दक्षिण भारतीय शहरों के प्राकृतिक सौंदर्य की जिक्र किया जाये तो रामेश्वरम का ज़िक्र होना लाजमी है। दक्षिण भारत के मंदिरों की नायाब वास्तुकला ना केवल सुंदर और आकर्षक है बल्कि यहां आकर अजीब ही शांति का अहसास होता है। आपको बता दे कि दक्षिण भारत के मंदिरों से कई प्राचीन दिव्य चरित्र जुड़े हुए हैं। एक ऐसा सौंदर्य जिसे देख आप खुद को यहां ठहरने से रोक नहीं पाएंगे। इंटरनेट पर देखने से कई बेहतर है कि प्रत्यक्ष रूप से जाकर अपनी आंखों से इसकी सुन्दरता देखे।
दक्षिण भारत के एतिहासिक स्थल: Historical places in south India
तिरुमला, (आंध्र प्रदेश)
वैसे तो वेंकटेश्वर मन्दिर को दुनिया में सबसे अधिक पूजनीय स्थल माना जाता है। आन्ध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले के तिरुपति में स्थित वेंकटेश्वर मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। श्री वैंकटेश्वकर का यह मंदिर दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। श्री वैंकटेश्वकर मंदिर समुद्रतल से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थित तिरुमला की पहाड़ियों पर बना हैं। दंत कथाओं के अनुसार भगवान वेंकट पहाड़ी का स्वामी होने के कारण ही इन्हें वैंकटेश्वर कहा जाता है।
इन्हें सात पहाड़ों का भगवान भी कहा जाता है। वैष्णव संप्रदाय से उत्पन्न इस मंदिर की महिमा का वर्णन विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। कहा जाता है कि जो भक्त व श्रद्धालु वैकुण्ठ एकादशी के अवसर पर यहाँ भगवान के दर्शन के लिए आते हैं। उनके सारे पाप धुल जाते हैं| विश्व के सर्वाधिक धनी धार्मिक स्थानों में से एक यह स्थान भारत के सबसे अधिक तीर्थयात्रियों के आकर्षण का केंद्र है। ऐसी भी मान्यता है कि यहाँ आने के पश्चात् व्यक्ति को जन्म–मृत्यु के बन्धन से मुक्ति मिल जाती है।
सबरीमाला, (केरल): South India Unexplored Beauty
भगवान अयप्पा स्वामी को समर्पित इस मंदिर को विश्व के सबसे बड़े तीर्थ स्थानों में से एक माना जाता है। दंत कथाओं की माने तो अय्यप्पा भगवान शिव और विष्णु अवतार मोहिनी के पुत्र थे। दक्षिण भारत के राज्य केरल में सबरीमाला में स्थित अय्यप्पा स्वामी मंदिर करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। कहा जाता है कि मकर संक्रांति की रात घने अंधेरे में रह रहकर यहां एक ज्योति दिखती है।
दावा किया जाता है कि जब–जब ये रोशनी दिखती है इसके साथ शोर भी सुनाई देता है। इस ज्योति के दर्शन के लिए दुनियाभर से करोड़ों श्रद्धालु हर साल आते हैं। आपको बता दे कि 914 मीटर की ऊंचाईं पर स्थित इस मंदिर की चढ़ाई पैदल ही करनी पड़ती है। हालाँकि इस मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित है। तीर्थयात्रा के आरंभ होने के अवसर पर मंदिर में करोड़ों रूपयों का चढ़ावा चढ़ता है।
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गुरुवयूर, (केरल)
दक्षिण भारत के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से ये एक है। इस मंदिर में मुख्य रूप से भगवान कृष्ण की पूजा होती है। यहां उन्हें गुरुवयूरप्पन के नाम से जाना जाता है। थिरुस्सुर जिले में स्थित गुरुवयू को धरती पर भगवान कृष्ण का वैकुंठ भी कहा जाता हैं। गुरुवयूर, दक्षिण भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है और इसे गुरुवयूर देवास्वोम बोर्ड द्वारा व्यवस्थित किया जाता है। यहां हर रोज़ भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है। भगवान कृष्ण के अलावा यहां गणेश जी, देवी और सस्था की मूर्ति स्थापित है।
हंपी, (कर्नाटक): South India Unexplored Beauty
हंपी का नाम आते ही सबसे पहले जेहन में विजयनगर की शानदार इमारतें याद आ जाती हैं। हालांकि, अब यहां स्थापित सभी इमारतें खंडहर हो चुके हैं। विजयनगर साम्राज्य का शासन हंपी पर हुआ करता था। बैंगलोर से 350 किमी दूर स्थित इस ऐतिहासिक शहर हंपी तुंगभद्रा नदी के तट पर बसा कर्नाटक का यह शहर प्राचीन समय में विजयनगर राजवंश की राजधानी हुआ करता था। हंपी नाम तुंगभद्रा नदी के पुराने नाम पंपा से पड़ा है जोकि ब्रह्मा जी की पुत्री हैं।
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यहां पर आपको होयसला स्थापत्यकला की शानदार इमारतें देखने को मिलेंगीं। यहां भगवान शिव का विरुपक्षा मंदिर देख सकते हैं। इसके अलावा इस शहर में कई दर्शनीय स्थल हैं जो आपको इतिहास के बारे में अवगत करवाते है। इस शहर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है। क्योंकि इस शहर में विजयनगर शासनकाल के अनेक मंदिर और महल मौजूद हैं।
चामुंडी पर्वत, (कर्नाटक)
चामुंडी देवी इस शहर की प्रमुख देवी हैं और वोडेयार राजवंश में भी उनकी पूजा की जाती है। चामुंडी पर्वत की चोटी पर स्थित बाहवीं शताब्दी का चामुंडेश्वरी मंदिर चामुंडी देवी को समर्पित है। इसे होयसला राजवंश के द्वारा बनवाया गया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी स्थान पर देवी ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। आपको बता दे कि मंदिर तक पहुंचने के लिए अनेक सीढियां चढ़नी पड़ती हैं। यहां नंदी की मूर्ति भी स्थित है।
तमिलनाडु के विस्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों पर एक नज़र
दंबरम, (तमिलनाडु): South India Unexplored Beauty
भगवान शिव के इस मंदिर में उनके नटराज स्वरूप की पूजा होती है। इस मंदिर में भगवान शिव को थिल्लई कूथान के रूप में पूजा जाता है और ये तमिलनाडु के पंच बूथा स्थलम में से एक है।
श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर, (तमिलनाडु)
तमिलनाडु के वेल्लोवर जिले में एक भव्यक स्वओर्ण मंदिर स्थित है जिसे श्रीपुरम स्वसर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है। देवी नारायणी को समर्पित इस मंदिर को महालक्ष्मीं मंदिर, श्री लक्ष्मीव नारायण मंदिर आदि कई नामों से जाना जाता है। 15,000 किलो विशुद्ध सोने से निर्मित इस मंदिर की संरचना वृताकार है। मंदिर परिसर में देश की सभी प्रमुख नदियों से पानी लाकर सर्व तीर्थम सरोवर का निर्माण कराया गया है।
आपको बता दे जब रात में इस मंदिर में प्रकाश किया जाता है, तब सोने की चमक देखने बनती है| इसके साक्षात दर्शन करने से रावण की सोने की लंका का आभास होता है। स्वर्ण मंदिर के चारों ओर हरियाली फैली हुई है। स्वर्ण धातु से निर्मित इस मंदिर का स्वमरूप अद्भुत है। तमिलनाडु जाने वाले श्रद्धालु अब महालक्ष्मी मंदिर वेल्लोर जरूर जाते हैं। अपनी भव्यता के कारण महालक्ष्मी मंदिर कुछ ही सालों में दक्षिण के स्वर्ण मंदिर के तौर पर प्रसिद्ध हो गया है। यह स्वुर्ण मंदिर पर्यटकों को दूर से ही आकर्षित करता है।
मदुरई मीनाक्षी मंदिर, (तमिलनाडु): South India Unexplored Beauty
भारत के तमिलनाडु राज्य के मदुरई नगर में स्थित इस मन्दिर का स्थापत्य एवं वास्तु आश्चर्यचकित कर देने वाला है। जिस कारण यह आधुनिक विश्व के सात आश्चर्यों की सूची में सम्मिलित है। यह भारत और विदेशों से आने वाले पर्यटकों का आकर्षण केन्द्र होने के साथ हिन्दु् धार्मिक यात्राओं के महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है। ऐसी मान्यता है कि शिव पार्वती ने विवाह के उपरांत यहां कई वर्षों तक शासन किया तथा दोनों ने इसी स्थान से ही स्वर्ग की यात्रा आरंभ की जहां यह मंदिर आज स्थित है। कहते है, मां पार्वती और भगवान शिव के मिलन का साक्ष्य है। मदुरई का ऐतिहासिक मंदिर मीनाक्षी मंदिर| आपको बता दे कि मदुरई के लोगों के लिए यह मंदिर उनकी सांस्कृंतिक तथा धार्मिक जीवन का केन्द्र है| मीनाक्षी मंदिर में अप्रैल और मई के महीने में मदुरई का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार चिथिरई मनाया जाता है।
बृहदेश्वर मंदिर तंजौर, (तमिलनाडु)
आपको बता दे कि दक्षिण भारत के कई दर्शनीय स्थल यहां पर स्थित हैं| ये जगह भगवान शिव के बृहदेश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। भगवान शिव को समर्पित यह अपने समय की विश्व के विशालतम संरचनाओं में गिना जाता था। इस मंदिर के निर्माण कला की एक विशेषता यह है कि इसके गुंबद की परछाई पृथ्वी पर नहीं पड़ती। बृहदेश्वर मंदिर तंजौर के किसी भी कोने से देखा जा सकता है। विश्व के प्रथम ग्रेनाइट मंदिर के रूप में प्रसिद्ध बृह्देश्वदर मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में स्थित है। इस मंदिर के शिखर ग्रेनाइट के 80 टन के टुकड़े से बनें हैं। यह विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर है। तमिलनाडु में स्थित बृहदेश्वर मंदिर प्राचीन चोल वंश द्वारा इस मंदिर का निर्माण किया गया था।
दक्षिण भारत पर्यटन स्थल: Cool places in south India
कोडीकनाल, (तमिलनाडु)
मानसून के मौसम में तमिलनाडु का कोडीकनाल हिल स्टेशन किसी जन्नत से कम नही है। अगस्त में आप यहां पहुंच कर बारिश का पूरा मजा ले सकते हैं। बारिश के दौरान यहां के पहाड़ झरनो में तब्दील हो जाते हैं। यहां पहाड़ों पर बारिश के बाद सूरज बादलों के साथ आंख मिचौली खेलता है। हरी चादर ओढ़े पहाड़ों पर जब आसमान से बारिश की बूंद गिरती है तब ये नजारा देखने बनता है।
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वायनाड, (केरल): South India Unexplored Beauty
केरल में स्थित वायनाड समुद्र के किनारे बसा हुआ बहुत खूबसूरत पर्यटन स्थल है। वायनाड भारत में सबसे ऊंची जगह है जहां बारिश होती है। अगस्त के मौसम में वायनाड की खूबसूरती देखने लायक होती है। वायनाड में लोग दूर दूर से सिर्फ बारिश का मजा लेने के लिये आते है| ठंडी हवा, बारिश की बूंदो के बाद यहां धुंध में आप को जो मजा आयेगा वो कहीं और नहीं मिलेगा।
मुनार चाय के बागान, (केरल)
केरल का मुनार अपने चाय के बगानों और मसालों के लिये प्रसिद्ध है। अगस्त में बारिश के बाद यहां का मौसम रूमानी अंदाज में बदल जाता है। नेचर लवर्स के लिये ये जगह जन्नत से कम नहीं है| ऊंचे पहाड़ो पर बारिश की बूंदे जब हाथों पर आती हैं तो आप का रोम रोम खिल जाता है। इसके करीब जाने की कौतूहलता निर्माण होती है।
अगुंबे, (कर्नाटक)
कर्नाटक में अगुंबे बरिश का मजा लेने के लिये मौसम के हिसाब से सही जगह है। यहां के पहाड़ और घाटियां अनगिनत झरनो से भरी पड़ी हैं| जो यहां आकर्षण का केन्द्र है। दक्षिण भारत में अगस्त के महीने में ये जगह मौसम के दीवानो से पटी हुई नजर आती है। यहां पर एक सनसेट प्वाइंट है जहां से आप को अरब सागर नजर आयेगा| मानसून के दौरान यह जगह जन्नत से कम नहीं है।