British Petition on farmers Agitation: ब्रिटिश संसद की याचिका समिति हाउस ऑफ कॉमन्स परिसर में वेस्टमिंस्टर हॉल की बहस पर विचार करेगी। ब्रिटिश संसद की याचिका पर एक लाख से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर कर अपनी सहमति प्रकट की है। इस याचिका में भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन और प्रेस की आजादी पर चर्चा होगी।
हालांकि ई–याचिका के हस्ताक्षरकर्ताओं की सूची में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के हस्ताक्षर भी शामिल हैं। उन्होंने संसद के पश्चिम लंदन कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य के रूप में इस याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं। लेकिन इस पर सवाल पूछने पर उनके अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत सरकार ने इस याचिका को गैर–सूचित और अनुचित करार दिया है: British Petition on farmers Agitation
इस याचिका पर भारत ने विदेशी नेताओं और संगठनों द्वारा किसानों के विरोध पर की गई टिप्पणियों को ‘गैर–सूचित‘ और ‘अनुचित‘ करार दिया। भारत ने अपने रुख़ स्पष्ट करते हुए कहा की यह एक लोकतांत्रिक देश का आंतरिक मामला है। इसमें किसी भी बाहरी देश के हस्तकछेप (British Petition on farmers Agitation) की आवश्यक नहीं है।
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नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय (MEA) ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि भारत की संसद ने कृषि क्षेत्र के लिए सुधारवादी कानून पारित किया है। जिसके बारे में किसानों का एक बहुत छोटा वर्ग कुछ विरोध कर रहा है। हम बातचीत से इस मुद्दे का समाधान खोज लेंगे। भारत के लोकतांत्रिक अधिकारों को विनम्रता से देखा जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि कुछ निहित स्वार्थी समूहों ने देश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिश की है। उन देशों को ऐसे मामलों पर टिप्पणी करने से पहले हमसे तथ्यों के बारे में पता लगाना चाहिए। MEA के बयान में कहा गया है, सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और मशहूर हस्तियों की टिप्पणियों न तो सटीक और न ही जिम्मेदार है। विदेश मंत्रालय का यह बयान कुछ मशहूर हस्तियों के किसान आंदोलन पर ट्वीट के बाद आया है। British Petition on farmers Agitation
ब्रिटिश सरकार ने मीडिया की स्वतंत्रता और मानव अधिकारों की सुरक्षा के लिए इस याचिका को महत्वपूर्ण माना है
भारतीय विदेश मंत्रालय के उलट ब्रिटिश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, “मीडिया की स्वतंत्रता मानव अधिकारों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। दुनिया भर के पत्रकारों को अपना काम करने और गिरफ्तारी या हिंसा से डर के बिना अपना काम करने की स्वतंत्र होना चाहिए।” प्रवक्ता ने आगे कहा, “फ्री प्रेस हमारे लोकतंत्रों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और सरकार इसको दबाने के लिए पूरा ज़ोर लगा रही है।”
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आप को बता दें की ब्रिटिश संसद की वेबसाइट पर 10,000 ई–हस्ताक्षर को पार करने वाली सभी ई–याचिकाओं पर ब्रिटेन सरकार को आधिकारिक बयान देने की आवश्यकता होती है। ग़ौरतलब है कि किसान आंदोलन वाली याचिका (British Petition on farmers Agitation) पर 100,000 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किया है। अब ब्रिटिश सरकार इस याचिका पर बहस के लिए विचार कर रही है। हाउस ऑफ कॉमन्स ने कहा कि याचिका पर सरकार की प्रतिक्रिया इस महीने के अंत में होने की उम्मीद है और बहस विचाराधीन है।