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क्या पीएम कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर सजा से बच सकते हैं?

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क्या पीएम कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर सजा से बच सकते हैं?

PM violate covid19 protocol: आज कई भारतीय पूछ रहे हैं कि क्या पीएम कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर सकते हैं? क्या वो हर बार कोविड क़ानून को तोड़ कर सजा से बच सकते है? क्या कोई प्रधानमंत्री नागरिकों के लिए बनाए गए नियमों का सुविधा के लिए उल्लंघन कर सकता है? विपक्षी दल इस पद के दुरुपयोग के लिए सवाल क्यों नहीं उठा रहे हैं? क्यों वो  अपने भारी भरकम वकीलों की मदद से प्रधान मंत्री और उनके अन्य मंत्रियों के ख़िलाफ़ कोविड नियमो के धज्जी उड़ने के लिए मुक़दमे दायर नहीं कर रहे हैं? आप को बता दें की वर्तमान समय में काइयों  का मानना ​​है कि कोविद प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के लिए पीएम और उनके शीर्ष मंत्रियों के खिलाफ मामले दर्ज करने की आवश्यकता है। इसमें प्रमुखता से गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, भाजपा पार्टी अध्यक्ष और अन्य प्रमुख मंत्री शामिल हो सकते हैं।

आपको बता दें कि भारत में क़ानून समान रूप से जनता और उनके चुने हुए नेताओं पर लगो होता है। भरतिया क़ानून प्रधान मंत्री और उनके उनके कैबिनेट मंत्री और नौकरशाह पर समान रूप से लागू होता है। अगर कोई इसका उलंघन करात है तो उसपर भरतिया क़ानून के तहत समान रूप से कार्यवाही हो सकती है। आप को बता दें की वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के तमाम बड़े नेताओं ने पिछले साल बिहार चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर कोविद प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया था।

उनका यह बर्ताव इस वर्ष भी जारी रहा, जब उन्होंने पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में बड़े राजनीतिक रैलियों को संबोधित किया। भारत और दुनिया के लोगों ने इन राजनीतिक रैलीयों की डरावनी तस्वीरें देखीं। लगभग सभी राजनीतिक दलों ने कोविड  प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ा दीं। विपक्षी नेताओं ने भी इन रैलियों में बड़े पैमाने पर कोविड नियमो का मज़ाक़ उड़ाया। लेकिन हम उनकी ग़लतियों को नजरअंदाज कर सकते है क्योंकि वे सरकार नहीं चला रहे हैं। लेकिन सवाल यह है की (PM violate covid19 protocol) क्या पीएम कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर सकते हैं?

पीएम मोदी ने लॉकडाउन में दिल्ली के गुरुद्वारा सीस गंज साहिब का दौरा किया

आप को बता दें की आज फिर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविद प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया और दिल्ली में गुरुद्वारा सिस गंज साहिब का दौरा किया। यह दौरा उन्होंने गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती के अवसर पर दौरा किया। उन्होंने 400 वें प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारे में प्रार्थना की और राष्ट्र को शुभकामनाएं दीं। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि प्रधान मंत्री सामान्य परिस्थितियों में  धार्मिक समारोह में हिस्सा ले सकते है और इसमें कुछ ग़लत भी नहीं है। लेकिन जब दिल्ली में पूर्ण तालाबंदी है और सभी धार्मिक केंद्रों और समारोहों को बंद कर दिया गया, है तो प्रधान मंत्री का यह दौरा पूरी तरह से ग़लत हाई। I यात्रा से वह लोगों को संदेश दे रहे है की वो भारतीय कानूनो से परे हैं (PM violate covid19 protocol) और पीएम कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर सकता है। 

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हालाँकि उनके गुरुद्वारे के इस दौरे का लोग सोशल मीडिया पर आलोचना कर रहे है और अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। लोगों की आलोचना सही भी है जब देश का शीर्ष नेता सत्ता का दुरुपयोग कर के जनता को ग़लत संदेश देता है। हम सभी ने देखा है कि तालाबंदी के दौरान जब लोग अपने घरों से बाहर निकले तो पुलिस लोगों को कैसे पीटती है। वही पुलिस कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के लिए आम जनता पर भारी जुर्माना लगाया और उनके वाहनों को जब्त किया।

लेकिन वही जब भारत के प्रधान मंत्री उन कोविड नियमो का खुलेआम उल्लंघन करते है और तालाबंदी  के बाद भी गुरुद्वारे की यात्रा करता हैं तो कोई उसपर चर्चा नहीं करता है। इसका मतलब है कि पीएम कानून से ऊपर हैं और सवाल उठा सकते हैं, कैन पीएम covid19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर सकते हैं। प्रधानमंत्री का यह व्यवहार पूरी तरह से ग़ैर ज़िम्मेदाराना है, वो लोगों को ग़लत संदेश (PM violate covid19 protocol)  दे रहे है की वो कानूनो से परे है। 

वर्तमान कोविद की स्थिति क्या है और भारत में लोगों की आवश्यकता है: PM violate covid19 protocol

PM in Gurdwara Sis Ganj Sahib

वर्तमान समय में भारत कोविड महामारी के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। पिछले कुछ हफ्तों से हर रोज लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं। बुनियादी दवा, ऑक्सीजन, अस्पताल के बिस्तर और जीवन रक्षक दवाओं की कमी के कारण हजारों लोग मर रहे हैं। देश आपातकालीन स्थिति से गुजर रहा है और हर जगह लोग मर रहे हैं। हर कोई इस कठिन परिस्थिति में अपने प्रियजन को लेकर चिंतित और डर हुआ है। लेकिन हमारे सर्वोच्च नेता नियमों का उल्लंघन करते रहते हैं और कोई उन्हें याद नहीं दिलाता है कि वह नेता चुने गए हैं। यह तक की भारत के सर्वोच नेता प्रधान मंत्री कोविड नियमो की धज्जी उड़ा रहे है। उनका पूरा मंत्रिमंडल सिर्फ़ उनके इमेज को लेकर चिंचित दिखायी दे रहा है। प्रधान मंत्री का आचरण और उनका व्यवहार इस समय पूरी तरह से ग़लत हाई जब वो कोविड नियमो का पालन नहीं कर रहे है। 

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आप को बता दें की सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर हर रोज लाखों संदेश देश में बीमार स्वास्थ्य ढांचे को उजागर करते हैं। लोग अस्पताल के बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर और जीवन रक्षक दवाओं के लिए गुहार लगा रहे हैं। भारत भर में इस समय आम जंट के लिए कुछ भी उपलब्ध नहीं है। बड़ी संख्या में लोग अस्पताल, सड़क और घर में मर रहे हैं। कालाबाजारी भारत भर में सक्रिय हो गई है और कुछ ग़लत लोग इस विसम परिस्थिति में अस्पताल के बेड, दवाओं और ऑक्सीजन की व्यवस्था  के नाम पर लोगों को लूट रहे है।

ऐसा लगता है कि सरकार को इस कला बजरियों को पकड़ने और उनपर नियंत्रण करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। सिस्टम बनाने वाले राजनेता छिछोरी राजनीति कर रहे है और पीएम कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने में व्यस्त है (PM violate covid19 protocol)। इन नियमो के उलंघन पर आम जनता से चलन के नाम पर मोटी राशि उगाही की जा रही है और उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है।

Covid19 से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार क्या कर रही हैं: PM violate covid19 protocol

Covid Situation in India

यह बहुत दुखद है कि ज्यादातर राज्य सरकारें कोविड की स्थिति से निपटने के लिए कुछ भी नहीं कर रही हैं। वे सिर्फ मृत्यु संख्या छिपाने और टीवी और सोशल मीडिया पर बकवास बयान जारी करने में व्यस्त हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों पर राष्ट्र सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई का आदेश दिया है। यह कार्यवाही उन लोगों पर होगी जो सोशल मीडिया पर बेड और ऑक्सीजन की अनुपलब्धता के बारे में कुछ भी लिखेंगे। इसी तरह ग़ैर भाजपा शाशित राज्य अपने राज्यों में ख़स्ता और बीमार स्वास्थ्य ढांचे के लिए केंद्र को दोषी ठहराने में हाई लगे हुए हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनकी पूरी टीम शुरुआत से हाई कोविड पर राजनीति कर रही है। वे दिल्ली में हर चीज़ के कमी के लिए सिर्फ़ केंद्र सरकार पर दोष जगाने में लगे हुए हैं। इस दोषपूर्ण खेल के बीच आम जनता भ्रमित हैं, क्या पीएम कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर सकते हैं (PM violate covid19 protocol) और उनको प्रधान मंत्री रहते इस कानूनो से छूट मिली हुई है?

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आप ओ बता दें की इस समय सिर्फ़ राज्य सरकारें ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार भी ओछी राजनीति खेलने में व्यस्त है। वह ज़मीन पर कम बल्की टीवी और सोशल मीडिया पर ज़्यादा काम कर रही है। गैर-भाजपा राज्य सरकारें केंद्र पर आरोप लगा रही हैं कि केंद्र सरकार कोविड से उनकी लड़ाई में सहयोग करने के बजाय भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सब कुछ अपने नियंत्रण में रख रहा है और राज्यों को महामारी से निपटने के राज्य अस्तर पर निर्णय की अनुमति नहीं दे रहा है।

यह केंद्र के व्यवहार और हाल के दिनों में उसके फ़ैसलों को देखकर आंशिक रूप से सच हाई लगता है। केंद्र ग़ैर भाजपा राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की विफलता के लिए सिर्फ़ उनकी आलोचना कर रहा है। लेकिन इस क्षुद्र राजनीति के कारण आम आदमी पीड़ित हो रहा है और मर रहा है। अब लोग सवाल पूछ रहे हैं कि जब पीएम कोविद प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते है (PM violate covid19 protocol) तो उसी उल्लंघन के लिए उनको सजा कैसे मिलती है।