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क्या है ट्विटर टूलकिट विवाद और क्यों कांग्रेस और भाजपा लड़ रहे हैं

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क्या है ट्विटर टूलकिट विवाद और क्यों कांग्रेस और भाजपा लड़ रहे हैं

Twitter Toolkit Controversy: क्यों ट्विटर टूलकिट विवाद ने भारत में सोशल मीडिया के स्वायत्तता पर एक नई बहस छेड़ दिया है। क्यों भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्वीट पर ट्विटर की कार्रवाई ने केंद्र सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। क्यों इस विवाद के बाद केंद्र सरकार हरकत में आ गई और आनन फ़ानन में कई निर्णय लिए। उन्होंने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को ट्विटर के दिल्ली और गुड़गांव इस्थित कार्यालयों पर नोटिस देने के लिए भेज दिया। उधर इस मामले को कांग्रेस पार्टी ने और भी भड़का दिया जब उन्होंने भाजपा के 11 मंत्रियों के ट्वीट को भी ‘मैनिपुलेटिव मीडिया’ के तहत टैगिंग की मांग की।

आप को बता दें की कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर को पत्र लिखकर फ़र्ज़ी और जोड़-तोड़ वाले ट्वीट के लिए कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पत्र लिखकर रेल मंत्री पीयूष गोयल, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के ख़िलाफ़ कार्यवाही की माँग की है। आपको बता दें की इन मंत्रियों ने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के फर्जी टूलकिट (Twitter Toolkit Controversy ) आरोप का बचाव किया है। हालांकि ट्विटर ने शिकायत के बाद संबित पात्रा के ट्वीट को फ़र्ज़ी और जोड़तोड़, ‘मैनिपुलेटिव मीडिया’ के तहत टैगिंग कर दिया है।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने अपने ट्वीट में क्या लिखा की उसपर विवाद उठ खड़ा हो गया

Dr Raman Singh- Twitter Toolkit Controversy

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि कांग्रेस ने मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए एक टूलकिट बनाया है। संबित पात्रा ने फर्जी टूलकिट (Twitter Toolkit Controversy) बनाने के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर भी निशाना साधा। फर्जी टूलकिट पर संबित पात्रा के आरोप के बाद कांग्रेस पार्टी हरकत में आई और संबित के ट्वीट को ‘मैनिपुलेटिव मीडिया’ बताया। उन्होंने संबित और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर ट्विटर पर फर्जी दस्तावेज साझा करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही झारखंड कांग्रेस ने फर्जी दस्तावेज फैलाने के आरोप में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, स्मृति ईरानी और बीएल संतोष पर एफआईआर भी दर्ज कराई है। सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने संबित पत्र के फ़र्ज़ी ट्विटर टूलकिट विवाद (Twitter Toolkit Controversy) पर कार्रवाई की और उनके ट्वीट को फ़र्ज़ी और जोड़तोड़ की मीडिया के तहत टैगिंग कर दिया है।

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कांग्रेस पार्टी ने गलत सूचना फैलाने के लिए भाजपा और उसके नेता के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। उन्होंने ट्विटर इंडिया को एक पत्र लिखा और 11 भाजपा नेताओं और मंत्रियों द्वारा लिखे गए पोस्ट को  ‘मैनिपुलेटिव मीडिया’ के तहत टैग करने के लिए कहा है। कांग्रेस ने उन नेताओं और मंत्रियों के विवादित ट्वीट को ट्विटर के कानूनी विभाग को भेजकर कार्रवाई की गुहार लगाई है। अभी तक ट्विटर ने भाजपा के अन्य नेताओं और उनके मंत्रियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। लेकिन बीजेपी और केंद्र सरकार इस मुद्दे पर ट्विटर के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के पूरे मूड में है। उन्होंने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को ट्विटर के दिल्ली और गुड़गांव कार्यालय में भेज दिया है। 

क्या है कांग्रेस का बीजेपी और उसके नेताओं पर आरोप: Twitter Toolkit Controversy

इस पूरे टूलकिट कॉन्ट्रोवर्सी में कांग्रेस ने ट्विटर के कानूनी प्रमुख विजया गड्डे और कानूनी विभाग के उपाध्यक्ष जिम बेकर को एक पत्र लिखा है। कांग्रेस पार्टी का यह भी आरोप है कि भाजपा नेता अपने ट्विटर हैंडल के जरिए कांग्रेस और उसके नेताओं के खिलाफ झूठी, मनगढ़ंत और खतरनाक जानकारी फैला रहे हैं। उन्होंने 25 मई को ट्विटर पर एक पत्र भेजा जिसमें उन फ़र्ज़ी ट्वीट का   विवरण (Twitter Toolkit Controversy) और फर्जी सूचना फैलाने वाले भाजपा मंत्रियों के नाम हैं। कांग्रेस ने यह भी पुष्टि की कि उन्होंने विवादास्पद सामग्री को ट्विटर अधिकारियों के साथ कार्रवाई के लिए साझा किया है।

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कांग्रेस का यह भी आरोप है कि केंद्र सरकार सोशल मीडिया दिग्गज़ों को  भारत में धमकाने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल कर रही है। उनका यह भी आरोप है कि केंद्र सरकार आम आदमी और विपक्षी दलों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने ट्विटर इंडिया को नोटिस भेजकर इस ट्विटर टूलकिट विवाद में कुछ जानकारी मांगी है। दिल्ली पुलिस ने भी इस संबंध में अपने अधिकारियों को ट्विटर कार्यालय भेजा है। विपक्षी दल केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं। 

क्या है फ़र्ज़ी और जोड़तोड़ की मीडिया के तहत ट्विटर की टैगिंग: Twitter Toolkit Controversy

दुनिया भर में ट्विटर ने शक्तिशाली नेताओं के कुछ ट्वीट्स को फ़र्ज़ी और जोड़तोड़ की मीडिया के तहत टैग करता रहा है। ट्विटर यह निर्णय जानबूझकर भ्रामक रूप से या हेरफेर के उद्देश्य के लिखे ट्वीट और उनपर साझा किए गए जानकारी के सिलसिले में लेते हैं। ऐसे भ्रामक ट्वीट में वीडियो, ऑडियो और इमेज को मैनिपुलेटिव मीडिया (Twitter Toolkit Controversy) के रूप में टैग कर देता है। ट्विटर उन ट्वीटों को जिसकी जानकारी का स्रोत सटीक नहीं है और उपलब्ध जानकारी गलत है, उन ट्वीटों को भी मैनिपुलेटिव मीडिया के रूप में टैग कर देता है।

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आप को बता दें कि बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी ऐसा ही एक ट्वीट क्या था। उन्होंने ट्वीट कर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि वह मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए टूलकिट का इस्तेमाल कर रहे है।  संबित ने अपने दावे को प्रमाणित करने के लिए अपने ट्वीट में कुछ दस्तावेजों को भी अपलोड किया था। उनके इस ट्वीट ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया और वह खुद  कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आ गए। ट्विटर ने उनके ट्वीट पर कार्रवाई करते हुए इसको  के ट्वीट को ‘मैनिपुलेटिव मीडिया’  (Twitter Toolkit Controversy) के रूप में टैग कर दिया है। ट्विटर का यह एक्शन पूरी तरह से बीजेपी के दावे को उलट दिया और अब बीजेपी के नेता संबित पात्रा के बचाव करते फिर रहे है। 

क्या यह ट्विटर टूलकिट विवाद पहली बार उत्पन्न हुआ है

US Capitol Hill Violence

ट्विटर टूलकिट विवाद कोई नई बात नहीं है और ट्विटर पर दुनिया भर की सरकारों ने उनके ‘मैनिपुलेटिव मीडिया’  की कार्रवाई के लिए उनकी आलोचना की है। पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ‘मैनिपुलेटिव मीडिया’ (Twitter Toolkit Controversy) पर काफी चर्चा हुई थी। ट्विटर ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लिखे गए कई ट्वीट्स पर ‘मैनिपुलेटिव मीडिया’ का लेबल लगा दिया। ट्विटर ने यह कार्रवाई ट्रम्प पर गलत और भ्रामक जानकारी फैलाने के लिए किया था। यहाँ तक कि ट्विटर ने अमेरिकी चुनाव के दौरान डॉनल्ड ट्रम्प के अकाउंट को भी निलंबित कर दिया था।

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आप को बता दें की पिछले साल अमेरिकी सीनेट पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के दौरान ट्विटर टूलकिट पर भी चर्चा हुई थी। इस हमले में बड़ी संख्या में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने अमेरिका की सड़कों पर खूनी हिंसा की। इस हिंसा के दौरान ट्विटर पर आरोप है की लोगों ने सोशल मीडिया पर टूलकिट का इस्तेमाल के हिंसा के लिए भीड़ जुटाने का काम किया। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध के दौरान भीड़ को लामबंद करने के लिए भी इसी तरह का टूलकिट (Twitter Toolkit Controversy) इस्तेमाल किया गया था। ट्विटर टूलकिट विवाद ने 2019 में चीनी सेना के खिलाफ हिंग कांग विरोध के दौरान भी काफी चर्चा की।